न कन्यायाः पिता विद्वान्गृह्णीयाच्छुल्कं अण्वपि । गृह्णञ् शुल्कं हि लोभेन स्यान्नरोऽपत्यविक्रयी

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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