अपि नः स कुले भूयाद्यो नो दद्यात्त्रयोदशीम् । पायसं मधुसर्पिर्भ्यां प्राक्छाये कुञ्जरस्य च

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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