Adhyay : 3 Mantra : 242 Back to listings खञ्जो वा यदि वा काणो दातुः प्रेष्योऽपि वा भवेत् । हीनातिरिक्तगात्रो वा तं अप्यपनयेत्पुनः Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related