चाण्डालश्च वराहश्च कुक्कुटः श्वा तथैव च । रजस्वला च षण्ढश्च नेक्षेरन्नश्नतो द्विजान्

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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