Adhyay : 3 Mantra : 230 Back to listings अस्रं गमयति प्रेतान्कोपोऽरीननृतं शुनः । पादस्पर्शस्तु रक्षांसि दुष्कृतीनवधूननम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related