Adhyay : 3 Mantra : 229 Back to listings नास्रं आपातयेज्जातु न कुप्येन्नानृतं वदेत् । न पादेन स्पृशेदन्नं न चैतदवधूनयेत् । । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related