Adhyay : 3 Mantra : 228 Back to listings उपनीय तु तत्सर्वं शनकैः सुसमाहितः । परिवेषयेत प्रयतो गुणान्सर्वान्प्रचोदयन् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related