Adhyay : 3 Mantra : 226 Back to listings गुणांश्च सूपशाकाद्यान्पयो दधि घृतं मधु । विन्यसेत्प्रयतः पूर्वं भूमावेव समाहितः । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related