Adhyay : 3 Mantra : 325 Back to listings उभयोर्हस्तयोर्मुक्तं यदन्नं उपनीयते । तद्विप्रलुम्पन्त्यसुराः सहसा दुष्टचेतसः । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related