Adhyay : 3 Mantra : 221 Back to listings पिता यस्य निवृत्तः स्याज्जीवेच्चापि पितामहः । पितुः स नाम सङ्कीर्त्य कीर्तयेत्प्रपितामहम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related