Adhyay : 3 Mantra : 219 Back to listings पिण्डेभ्यस्त्वल्पिकां मात्रां समादायानुपूर्वशः । तानेव विप्रानासीनान्विधिवत्पूर्वं आशयेत् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related