Adhyay : 3 Mantra : 214 Back to listings अपसव्यं अग्नौ कृत्वा सर्वं आवृत्य विक्रमम् । अपसव्येन हस्तेन निर्वपेदुदकं भुवि । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related