Adhyay : 3 Mantra : 209 Back to listings उपवेश्य तु तान्विप्रानासनेष्वजुगुप्सितान् । गन्धमाल्यैः सुरभिभिरर्चयेद्दैवपूर्वकम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related