Adhyay : 3 Mantra : 208 Back to listings आसनेषूपक्ल्प्तेषु बर्हिष्मत्सु पृथक्पृथक् । उपस्पृष्टोदकान्सम्यग्विप्रांस्तानुपवेशयेत् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related