Adhyay : 3 Mantra : 201 Back to listings ऋषिभ्यः पितरो जाताः पितृभ्यो देवमानवाः । देवेभ्यस्तु जगत्सर्वं चरं स्थाण्वनुपूर्वशः Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related