अग्निदग्धानग्निदग्धान्काव्यान्बर्हिषदस्तथा । अग्निष्वात्तांश्च सौम्यांश्च विप्राणां एव निर्दिशेत्

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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