Adhyay : 3 Mantra : 176 Back to listings अपाङ्क्त्यो यावतः पङ्क्त्यान्भुञ्जानाननुपश्यति । तावतां न फलं तत्र दाता प्राप्नोति बालिशः Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related