Adhyay : 3 Mantra : 167 Back to listings एतान्विगर्हिताचारानपाङ्क्तेयान्द्विजाधमान् । द्विजातिप्रवरो विद्वानुभयत्र विवर्जयेत् । । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related