Adhyay : 3 Mantra : 165 Back to listings आचारहीनः क्लीबश्च नित्यं याचनकस्तथा । कृषिजीवी श्लीपदी च सद्भिर्निन्दित एव च । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related