Adhyay : 3 Mantra : 140 Back to listings यः संगतानि कुरुते मोहाच्छ्राद्धेन मानवः । स स्वर्गाच्च्यवते लोकाच्छ्राद्धमित्रो द्विजाधमः । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है Related