Adhyay : 3 Mantra : 129 Back to listings एकैकं अपि विद्वांसं दैवे पित्र्ये च भोजयेत् । पुष्कलं फलं आप्नोति नामन्त्रज्ञान्बहूनपि Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related