Adhyay : 3 Mantra : 123 Back to listings पितॄणां मासिकं श्राद्धं अन्वाहार्यं विदुर्बुधाः । तच्चामिषेणा कर्तव्यं प्रशस्तेन प्रयत्नतः Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related