Adhyay : 3 Mantra : 111 Back to listings यदि त्वतिथिधर्मेण क्षत्रियो गृहं आव्रजेत् । भुक्तवत्सु च विप्रेषु कामं तं अपि भोजयेत् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है Related