नामधेयस्य ये के चिदभिवादं न जानते । तान्प्राज्ञोऽहं इति ब्रूयात्स्त्रियः सर्वास्तथैव च ।

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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