. एषाम् इनमें श्रोत्रादीनि पंच्च बुद्धीन्द्रियाणि कान आदि पांच ज्ञानेन्द्रिय और पायु – आदीनि पंच्च कर्मेन्द्रियाणि गुदा आदि पांच कर्मेन्द्रिय, प्रचक्षते कहाती हैं ।
(सं० वि० वेदारम्भ संस्कार)
(अनुपूर्वशः) क्रमशः……….
. एषाम् इनमें श्रोत्रादीनि पंच्च बुद्धीन्द्रियाणि कान आदि पांच ज्ञानेन्द्रिय और पायु – आदीनि पंच्च कर्मेन्द्रियाणि गुदा आदि पांच कर्मेन्द्रिय, प्रचक्षते कहाती हैं ।
(सं० वि० वेदारम्भ संस्कार)
(अनुपूर्वशः) क्रमशः……….