अस्य इस बालक का नामधेयं तु नामकरण संस्कार दशम्यां वा द्वादश्याम् दसवें या बारहवें दिन वा अथवा पुण्ये तिथौ मुहूत्र्ते किसी भी शुभ – सुविधाजनक या हितकर तिथि या मुहूत्र्त में वा अथवा गुणान्विते रक्षत्रे शुभगुण वाले नक्षत्र में कारयेत् करावें ।
नामकरण का काल – ‘‘जिस दिन जन्म हो, उस दिन से लेके १० दिन छोड़ ११ में या १०१ एक सौ एक में अथवा दूसरे वर्ष के आरम्भ में जिस दिन जन्म हुआ हो नाम धरे ।’’
(सं० वि० नामकरणसंस्कार)