Adhyay : 2 Mantra : 211 Back to listings तेषां अनुपरोधेन पारत्र्यं यद्यदाचरेत् । तत्तन्निवेदयेत्तेभ्यो मनोवचनकर्मभिः । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related