यदि स्त्री यद्यवरजः श्रेयः किं चित्समाचरेत् । तत्सर्वं आचरेद्युक्तो यत्र चास्य रमेन्मनः

स्त्री – शूद्रादि के उत्तम आचरण का भी अनुसरण करे

यदि स्त्री यदि अवरजः यदि स्त्री अथवा शूद्र किंचित् श्रेयः समाचरेत् कोई श्रेष्ठ कार्य करें तत् सर्वम् आचरेत् उनसे शिक्षा लेकर उन पर आचरण करे वा अथवा यत्र जिस शास्त्रोक्त कर्म में अस्य मनः रमेत् इसका मन रमे उस श्रेष्ठ कार्य को करता रहे ।

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