लोके संसार में प्रमदाः स्त्रियाँ काम – क्रोध – वश + अनुगम् काम और क्रोध के वशीभूत होने वाले अविद्वांसम् अविद्वान् को वा अथवा विद्वांसम् अपि विद्वान् व्यक्ति को भी उत्पथं नेतुम् उसके मार्ग से उखाड़ने में हि निश्चय से अलम् पूर्णतः समर्थ हैं ।
अभिप्राय यह है कि स्त्रियों में मोहित कर लेने का पूर्ण सामथ्र्य है । उनके इस गुण के कारण पुरूष उनके संसर्ग से स्वयं अथवा उन्हीं के प्रयत्न से पथ – भ्रष्ट हो सकता है ।