उदकुम्भम् पानी का घड़ा सुमनसः फूल गोशकृत् गोबर मृत्तिका मिट्टी कुशान् कुशाओं को यावत् अर्थानि जितनी आवश्यकता हो उतनी ही आहरेत् लाकर रखे च और भैक्षम् भिक्षा भी अहः अहः चरेत् प्रतिदिन – प्रतिदिन मांगे ।
उदकुम्भम् पानी का घड़ा सुमनसः फूल गोशकृत् गोबर मृत्तिका मिट्टी कुशान् कुशाओं को यावत् अर्थानि जितनी आवश्यकता हो उतनी ही आहरेत् लाकर रखे च और भैक्षम् भिक्षा भी अहः अहः चरेत् प्रतिदिन – प्रतिदिन मांगे ।