द्यूतम् द्यूत जनवादम् जिस किसी की कथा परिवादम् निन्दा अनृतम् मिथ्याभाषण स्त्रीणां प्रेक्षण – आलम्भम् स्त्रियों का दर्शन, आश्रय परस्य उपघातम् दूसरे की हानि आदि कुकर्मों को सदा छोड़ देवें ।
(स० प्र० तृतीय समु०)
द्यूतम् द्यूत जनवादम् जिस किसी की कथा परिवादम् निन्दा अनृतम् मिथ्याभाषण स्त्रीणां प्रेक्षण – आलम्भम् स्त्रियों का दर्शन, आश्रय परस्य उपघातम् दूसरे की हानि आदि कुकर्मों को सदा छोड़ देवें ।
(स० प्र० तृतीय समु०)