यस्य वाङ्गनसी शुद्धे सम्यग्गुप्ते च सर्वदा । स वै सर्वं अवाप्नोति वेदान्तोपगतं फलम् ।

वेदों के फल की प्राप्ति का उपाय

यस्य वाड्मनसी जिस मनुष्य के वाणी और मन शुद्धे च सम्यग्गुप्ते सर्वदा शुद्ध तथा सुरक्षित सदा रहते हैं सः वै वही सर्वं वेदान्तोपगतं फलं प्राप्नोति सब वेदान्त अर्थात् सब वेदों के सिद्धान्तरूप फल को प्राप्त होता है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *