ब्राह्मणं कुशलं पृच्छेत्क्षत्रबन्धुं अनामयम् । वैश्यं क्षेमं समागम्य शूद्रं आरोग्यं एव च ।

वर्णानुसार कुशल प्रश्नविधि –

मिलने पर, नमस्कार के बाद ब्राह्मणं कुशलं पृच्छेत् ब्राह्मण से कुशलता – प्रसन्नता एवं वेदाध्ययन आदि की निर्विघ्नता क्षत्रबन्धुम् अनामयम् क्षत्रिय से बल आदि की दृष्टि से स्वास्थ के विषय में वैश्यं क्षेमम् वैश्य से क्षेम – धन आदि की सुरक्षा और आनन्द के विषय में च और शूद्रम् आरोग्यम् एव शूद्र के स्वस्थता के विषय में पृच्छेत् पूछे । अभिप्राय यह है कि वर्णानुसार उनके मुख्य उद्देश्यसाधक व्यवहारों की निर्विघ्नता के विषय में प्रधानता से पूछे ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *