. सर्वेषा एव द्विजातीनां चूडाकर्म सभी द्विजातियों – ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य का चूडाकर्म – मुंडन संस्कार धर्मतः धर्मानुसार श्रुतिचोदनात् वेद की आज्ञानुसार प्रथमे + अब्दे प्रथम वर्ष में वा तृतीये अथवा तीसरे वर्ष में अपनी सुविधानुसार कत्र्तव्यम् कराना चाहिए ।
‘‘यह चूडाकर्म अर्थात् मुंडन बालक के जन्म से तीसरे वर्ष वा एक वर्ष में करना । उत्तरायणकाल शुक्लपक्ष में जिस दिन आनन्दमंगल हो उस दिन यह संस्कार करें ।’’
(सं० वि० चूडाकर्म संस्कार)