या वेदबाह्याः स्मृतयो याश्च काश्च कुदृष्टयः । सर्वास्ता निष्फलाः प्रेत्य तमोनिष्ठा हि ताः स्मृताः ।

जो ग्रन्थ वेदबाह्य, कुत्सित पुरुषों के बनाये, संसार को दुःखसागर में डुबाने वाले है, वे सब निष्फल असत्य अन्धकाररूप इस लोक और परलोक में दुःखदायक है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *