Adhyay : 12 Mantra : 73 Back to listings यथा यथा निषेवन्ते विषयान्विषयात्मकाः । तथा तथा कुशलता तेषां तेषूपजायते । Leave a comment विषयी स्वभाव के मनुष्य जैसे-जैसे विषयों का सेवन करते जाते है वैसे-वैसे उन विषयों में उनकी आसक्ति अधिक बढती जाती है। Related