Adhyay : 12 Mantra : 53 Back to listings यां यां योनिं तु जीवोऽयं येन येनेह कर्मणा । क्रमशो याति लोकेऽस्मिंस्तत्तत्सर्वं निबोधत । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related