जो तपस्वी, यदि, संन्यासी, वेदपाठी, विमान के चलाने वाले, ज्योतिषी, और दैत्य अर्थात् देहपोषक मनुष्य होते हैं उनको प्रथम सत्वगुण के कर्म का फल जानो ।
जो तपस्वी, यदि, संन्यासी, वेदपाठी, विमान के चलाने वाले, ज्योतिषी, और दैत्य अर्थात् देहपोषक मनुष्य होते हैं उनको प्रथम सत्वगुण के कर्म का फल जानो ।