गन्धर्वा गुह्यका यक्षा विबुधानुचराश्च ये । तथैवाप्सरसः सर्वा राजसीषूत्तमा गतिः । ।

जो उत्तम रजोगुणी है वे गंधर्व=गाने वाले, गुह्यक=वादित्र बजाने वाले, यक्ष=धनाढ्य, विद्वानों के सेवक,और अप्सरा अर्थात् जो उत्तम रूप वाली स्त्री का जन्म पाते है ।

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