ये तीन प्रकार की (सत्व, रज, तम) गतियाँ कर्म और विद्या की विशेषताओं के आधार पर प्रत्येक की पुनः अधम, मध्यम और उत्तम भेद से तीन-तीन प्रकार की गौण गतियाँ होती हैं ।
ये तीन प्रकार की (सत्व, रज, तम) गतियाँ कर्म और विद्या की विशेषताओं के आधार पर प्रत्येक की पुनः अधम, मध्यम और उत्तम भेद से तीन-तीन प्रकार की गौण गतियाँ होती हैं ।