जो मनुष्य सात्विक है वे देव अर्थात् विद्वान्, जो रजोगुणी होते हैं, वे मध्यम मनुष्य, और जो तमोगुणयुक्त होते है वे नीचगति को प्राप्त करते है, इस प्रकार यह त्रिविध गति है ।
जो मनुष्य सात्विक है वे देव अर्थात् विद्वान्, जो रजोगुणी होते हैं, वे मध्यम मनुष्य, और जो तमोगुणयुक्त होते है वे नीचगति को प्राप्त करते है, इस प्रकार यह त्रिविध गति है ।