तमसो लक्षणं कामो रजसस्त्वर्थ उच्यते । सत्त्वस्य लक्षणं धर्मः श्रैष्ठ्यं एषां यथोत्तरम्

तमोगुण का लक्षण काम, रजोगुण का अर्थसग्रंह की इच्छा, सत्वगुण का लक्षण धर्म-सेवा करना है, परन्तु तमोगुण से रजोगुण और रजोगुण से सत्वगुण श्रेष्ठ है ।

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