तीनों कालों (भूत, भविष्यत् और वर्तमान) में विद्यमान रहने वाले इन तीनों गुणो के ’गुणलक्षण’ को क्रमशः संक्षेप में इस प्रकार समझे—
तीनों कालों (भूत, भविष्यत् और वर्तमान) में विद्यमान रहने वाले इन तीनों गुणो के ’गुणलक्षण’ को क्रमशः संक्षेप में इस प्रकार समझे—