तमोगुण की पहचान—
- जब मोह अर्थात् सांसारिक पदार्थों में फंसा हुआ आत्मा और मन हो, जब आत्मा और मन में कुछ विवेक न रहे, विषयों में आसक्त, तर्क-वितर्क रहित, जानने के योग्य न हो, तब निश्चय समझना चाहिए कि इस समय मुझ में तमोगुण प्रधान, और सत्वगुण तथा रजोगुण अप्रधान है । (स. प्र. नवम समु.)