Adhyay : 12 Mantra : 15 Back to listings असंख्या मूर्तयस्तस्य निष्पतन्ति शरीरतः । उच्चावचानि भूतानि सततं चेष्टयन्ति याः Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related