Adhyay : 12 Mantra : 120 Back to listings खं संनिवेशयेत्खेषु चेष्टनस्पर्शनेऽनिलम् । पक्तिदृष्ट्योः परं तेजः स्नेहेऽपो गां च मूर्तिषु Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related