शिष्ट सब मनुष्य मात्र नहीं होते किन्तु जिन्होंने पूर्ण ब्रह्मचर्य और धर्म से सांगोपांग वेद पढ़े हों, और जो श्रुतिप्रमाण और प्रत्यक्ष आदि प्रमाणों ही से विधि वा निषेध करने में समर्थ, धार्मिक, परोपकारी हों वे ही शिष्ट पुरुष होते है ।
शिष्ट सब मनुष्य मात्र नहीं होते किन्तु जिन्होंने पूर्ण ब्रह्मचर्य और धर्म से सांगोपांग वेद पढ़े हों, और जो श्रुतिप्रमाण और प्रत्यक्ष आदि प्रमाणों ही से विधि वा निषेध करने में समर्थ, धार्मिक, परोपकारी हों वे ही शिष्ट पुरुष होते है ।