मानसिक कर्मों में से तीन मुख्य अधर्म है परद्रव्यहरण अथवा चोरी (का विचार) लोगों का बुरा चिन्तन करना, मन में द्वेष करना, ईर्ष्या करना, वितथाभिनिवेश अर्थात् मिथ्या निश्चय करना ।(उपदेशमञ्जरी 34)
मानसिक कर्मों में से तीन मुख्य अधर्म है परद्रव्यहरण अथवा चोरी (का विचार) लोगों का बुरा चिन्तन करना, मन में द्वेष करना, ईर्ष्या करना, वितथाभिनिवेश अर्थात् मिथ्या निश्चय करना ।(उपदेशमञ्जरी 34)