Adhyay : 12 Mantra : 1 Back to listings चातुर्वर्ण्यस्य कृत्स्नोऽयं उक्तो धर्मस्त्वयानघः । कर्मणां फलनिर्वृत्तिं शंस नस्तत्त्वतः पराम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related