Adhyay : 11 Mantra : 83 Back to listings धर्मस्य ब्राह्मणो मूलं अग्रं राजन्य उच्यते । तस्मात्समागमे तेषां एनो विख्याप्य शुध्यति Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related